दिवाली 2024: त्यौहार की तिथि, महत्त्व और विशेषताएँ
दिवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, भारत का सबसे प्रमुख और व्यापक रूप से मनाया जाने वाला त्यौहार है। यह त्यौहार प्रकाश, समृद्धि, और नई शुरुआत का प्रतीक है। दिवाली हर साल कार्तिक माह की अमावस्या को मनाई जाती है। इस वर्ष 2024 में दिवाली 1 नवंबर को मनाई जाएगी।
दिवाली केवल एक दिन का त्यौहार नहीं है, बल्कि यह पांच दिनों तक चलने वाला त्यौहार होता है, जिसमें प्रत्येक दिन का अपना विशेष महत्व होता है। यह हिन्दू कैलेंडर के अनुसार नए वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है, इसलिए इसे नए आरंभ और समृद्धि के साथ जोड़ा जाता है।
दिवाली के पाँच दिन
- पहला दिन – धनतेरस (28 अक्टूबर 2024):
धनतेरस को सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना के लिए मनाया जाता है। इस दिन धन के देवता कुबेर और आरोग्य के देवता धन्वंतरि की पूजा की जाती है। लोग इस दिन नए बर्तन, सोने-चांदी के आभूषण या अन्य मूल्यवान वस्तुएं खरीदते हैं। - दूसरा दिन – नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली (29 अक्टूबर 2024):
इस दिन को नरकासुर वध के रूप में मनाया जाता है, जब भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था। लोग इस दिन घर की सफाई करते हैं और खुद को सजाते हैं ताकि नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्त हो सकें। इस दिन को छोटी दिवाली भी कहा जाता है। - तीसरा दिन – मुख्य दिवाली (1 नवंबर 2024):
यह दिवाली का मुख्य दिन होता है जब लोग देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। लक्ष्मी माता को समृद्धि और धन की देवी माना जाता है, और उनकी पूजा करके लोग अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। घरों में दीप जलाए जाते हैं, रंगोली बनाई जाती है, और आतिशबाजी की जाती है। यह रात सबसे अंधेरी रात होती है, लेकिन दीपों से रौशनी भर जाती है, जो अज्ञानता पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। - चौथा दिन – गोवर्धन पूजा (2 नवंबर 2024):
गोवर्धन पूजा का दिन भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की घटना को समर्पित है। इस दिन किसान अपनी फसलों और जानवरों की पूजा करते हैं, जो उनके जीवन और आजीविका का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। इस दिन अन्नकूट भी बनाया जाता है, जिसमें कई प्रकार के व्यंजन भगवान को अर्पित किए जाते हैं। - पाँचवाँ दिन – भाई दूज (3 नवंबर 2024):
भाई दूज भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का उत्सव है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी सुरक्षा का वचन देते हैं। यह रक्षाबंधन के समान भावनाओं से भरा त्यौहार है।
दिवाली का महत्व
दिवाली केवल एक धार्मिक त्यौहार नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। यह त्यौहार समाज में एकता, भाईचारे और शांति का संदेश फैलाता है। धार्मिक रूप से, दिवाली को कई कहानियों और घटनाओं से जोड़ा जाता है, जिनमें सबसे प्रमुख है भगवान राम का 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या वापसी करना। अयोध्यावासियों ने राम के स्वागत के लिए पूरे नगर को दीपों से सजाया था। तभी से दिवाली दीपों का त्यौहार बन गई।
इसके अलावा, यह दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी के विवाह का भी प्रतीक है, इसलिए इसे सुख और समृद्धि का दिन माना जाता है। जैन धर्म में भी दिवाली का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन भगवान महावीर को निर्वाण प्राप्त हुआ था।
Diwali 2024 Date ; Diwali kab hai ?
दिवाली की तैयारियाँ
दिवाली से पहले लोग अपने घरों की सफाई और सजावट करते हैं। इसे बुराई और अज्ञानता से छुटकारा पाने और अपने जीवन में उजाला लाने के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। लोग रंगोली बनाते हैं, दीप जलाते हैं और अपने घरों को आकर्षक लाइटों से सजाते हैं। बाजारों में भी खूब चहल-पहल होती है, क्योंकि लोग नए कपड़े, मिठाइयाँ, उपहार और सजावटी सामान खरीदते हैं।
दिवाली की परंपराएँ
दिवाली पर मिठाइयों का विशेष महत्त्व होता है। लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को मिठाई और उपहार देकर शुभकामनाएँ देते हैं। इसके अलावा, पटाखे चलाने की परंपरा भी है, जो उत्सव की खुशी को दर्शाता है। हालांकि, आजकल लोग प्रदूषण के कारण कम पटाखे चलाने की ओर ध्यान दे रहे हैं और ईको-फ्रेंडली दिवाली मनाने की कोशिश कर रहे हैं।
दिवाली सिर्फ एक त्यौहार नहीं है, यह एक ऐसा समय है जब लोग अपने जीवन में नई शुरुआत करते हैं, पुराने गिले-शिकवे मिटाते हैं और एक-दूसरे के साथ प्रेम और सम्मान का आदान-प्रदान करते हैं। यह त्यौहार हमें अच्छाई की शक्ति और आशा के महत्त्व को याद दिलाता है। इस दिवाली, पर्यावरण के प्रति जागरूक रहें और इस पर्व को प्रेम, शांति और समृद्धि के साथ मनाएँ।
दिवाली 2024 आपके जीवन में खुशियों का प्रकाश लेकर आए!
Diwali 2024 Date ; Diwali kab hai ?
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